Shivnarayan Khanna | Category: Fiction & Non-Fiction
Binding Type: Hard Binding
Book Details
ISBN: 9789386221308
YOP: 2018
Pages: 194
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वर्तमान असहिष्णुता के वातावरण में हम भारत वासियों को अपनी अस्मिता बनाए रखना है | आज के दूषित वातावरण में आवश्यक है की हम अपने महान पुरुषो, महार्षियों, साहित्यकारों, संगीतकारों, कलाकारों आदि की कृतियों में शांति, अहिंसा, संतोष, व्यास, दया, दान, एकता, आदि के सन्देश खोजे, उन पर मनन और चिन्तन करें और फिर उन पर आचरण भी करें | गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘रामचरितमानस’ एक महान साहित्यक कृति है | महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘रामचरितमानस’ में हमारी एकता के लिए अनेक संदर्भ और संकेत है | राष्ट्रीय एकता के परिप्रेष्य में ‘रामचरितमानस’ के इन बिखरे संदर्भो को प्रस्तुत पुस्तक में उजागर किया है | राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से ‘रामचरितमानस’ के योगदान और विशेषकर आज के संदर्भ में इनसे सन्नहित उपदेशो पर आचरण की और भी अधिक आवश्यकता है |
1. राष्टीय एकता का सबल सूत्र: रामचरितमानस
2. राष्टीय एकता कौ दृष्टि रने ‘रामचरितमानस’ और मराठी सत कवि एकनाथ रचित ” भावार्थ रामायण’
3. मानस के किसी काण्ड का पहला अंग्रेजी अनुवाद अदालत खा कृत
4. प्रारम्भिक विदेशी चिन्तकों की दृष्टि में तुलसीदास
5. रामचरितमानस के अनुवाद
6. राम कथा और मुस्लिम साहित्यकार
7. उन्तीसवों शताब्दी में मुद्रित रामचरितमानस के प्रकाशन
8. गोस्वामी तुलसीदास का वास्तविक नाम
9. तुलसी साहित्य सदर्भ कोश
10. रामचरितमानस मॅ सत माहात्मय
वर्तमान असहिष्णुता के वातावरण में हम भारत वासियों को अपनी अस्मिता बनाए रखना है | आज के दूषित वातावरण में आवश्यक है की हम अपने महान पुरुषो, महार्षियों, साहित्यकारों, संगीतकारों, कलाकारों आदि की कृतियों में शांति, अहिंसा, संतोष, व्यास, दया, दान, एकता, आदि के सन्देश खोजे, उन पर मनन और चिन्तन करें और फिर उन पर आचरण भी करें | गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘रामचरितमानस’ एक महान साहित्यक कृति है | महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘रामचरितमानस’ में हमारी एकता के लिए अनेक संदर्भ और संकेत है | राष्ट्रीय एकता के परिप्रेष्य में ‘रामचरितमानस’ के इन बिखरे संदर्भो को प्रस्तुत पुस्तक में उजागर किया है | राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से ‘रामचरितमानस’ के योगदान और विशेषकर आज के संदर्भ में इनसे सन्नहित उपदेशो पर आचरण की और भी अधिक आवश्यकता है |
1. राष्टीय एकता का सबल सूत्र: रामचरितमानस
2. राष्टीय एकता कौ दृष्टि रने ‘रामचरितमानस’ और मराठी सत कवि एकनाथ रचित ” भावार्थ रामायण’
3. मानस के किसी काण्ड का पहला अंग्रेजी अनुवाद अदालत खा कृत
4. प्रारम्भिक विदेशी चिन्तकों की दृष्टि में तुलसीदास
5. रामचरितमानस के अनुवाद
6. राम कथा और मुस्लिम साहित्यकार
7. उन्तीसवों शताब्दी में मुद्रित रामचरितमानस के प्रकाशन
8. गोस्वामी तुलसीदास का वास्तविक नाम
9. तुलसी साहित्य सदर्भ कोश
10. रामचरितमानस मॅ सत माहात्मय
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